देश में हर बच्चे तक पढ़ाई पहुंचाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं। इन्हीं में से एक है समग्र शिक्षा अभियान। इसका मकसद यह है कि कोई भी बच्चा पढ़ाई से दूर न रहे, चाहे वह शहर में रहता हो या गांव में। इस योजना के जरिए सरकार चाहती है कि सभी बच्चों को सही और अच्छी पढ़ाई मिले और जो स्कूल से बाहर हैं, उन्हें भी स्कूल में लाया जाए।

समग्र शिक्षा अभियान की शुरुआत कब हुई?
समग्र शिक्षा अभियान को भारत सरकार ने 2018 में शुरू किया था। इस योजना के पहले सरकार तीन अलग-अलग योजनाएं चला रही थी:
- सर्व शिक्षा अभियान – इससे प्राथमिक स्तर की पढ़ाई करवाई जाती थी
- राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान – इससे 9वीं और 10वीं की पढ़ाई होती थी
- शिक्षक प्रशिक्षण योजना – इससे स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाती थी
इन तीनों योजनाओं को मिलाकर एक नई और मजबूत योजना बनाई गई, जिसका नाम है समग्र शिक्षा अभियान। इससे बच्चों को पहली कक्षा से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई एक ही योजना के तहत दी जाती है।
समग्र शिक्षा अभियान का उद्देश्य

इस योजना के जरिए सरकार इन बातों पर काम कर रही है:
- हर बच्चे तक पढ़ाई पहुंचाना
- स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या कम करना
- गांव और दूर-दराज के इलाकों में पढ़ाई की सुविधा बढ़ाना
- सरकारी स्कूलों की हालत सुधारना
- तकनीक के जरिए पढ़ाई को आसान बनाना
- बच्चों को पढ़ाई का अच्छा माहौल देना
- शिक्षकों को सही ट्रेनिंग देना
इस योजना के तहत क्या-क्या किया जा रहा है?
1. स्कूलों में सुधार
सरकार ने इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों में कमरे, शौचालय, पीने का पानी, बिजली, स्कूल की बिल्डिंग, और साफ-सफाई जैसी जरूरी चीजों का इंतजाम किया है। कई जगह पुराने स्कूलों की मरम्मत भी करवाई गई है।
2. पढ़ाई के लिए डिजिटल तरीका
अब बहुत से स्कूलों में कंप्यूटर, प्रोजेक्टर और स्मार्ट क्लास की सुविधा दी गई है। इससे बच्चे वीडियो और चित्रों की मदद से आसानी से पढ़ पाते हैं।
3. कमजोर बच्चों को मदद
कुछ बच्चे सीखने में थोड़ा पीछे रह जाते हैं, उनके लिए अलग से शिक्षक रखे गए हैं। सरकार चाहती है कि कोई भी बच्चा पढ़ाई में पीछे न रह जाए।
4. लड़कियों के लिए खास ध्यान
सरकार ने इस योजना में लड़कियों को पढ़ाई के लिए खास मदद दी है। उनके लिए अलग से छात्रावास बनाए गए हैं। साथ ही, उन्हें स्कूल तक आने-जाने में कोई दिक्कत न हो इसके लिए सुविधाएं भी दी गई हैं।
5. शिक्षकों की ट्रेनिंग
स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को नई तकनीक और तरीकों से पढ़ाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। इससे बच्चों को बेहतर पढ़ाई मिलती है।
कौन-कौन से बच्चों को इसका फायदा मिलता है?
इस योजना का फायदा सभी बच्चों को मिलता है, जो सरकारी या सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ते हैं। खासकर उन बच्चों को जो:
- गांवों में रहते हैं
- गरीब परिवार से हैं
- जिनके माता-पिता पढ़े-लिखे नहीं हैं
- स्कूल से पढ़ाई छोड़ चुके हैं
- जो पहली बार स्कूल आ रहे हैं
अब तक क्या बदलाव हुए हैं?
इस योजना के शुरू होने के बाद देशभर के स्कूलों में कई बड़े बदलाव देखे गए हैं:
- पहले से ज्यादा बच्चों का स्कूल में नाम जुड़ा है
- स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या कम हुई है
- कई स्कूलों में अब कंप्यूटर और स्मार्ट क्लास हैं
- बच्चों को समय पर किताबें और यूनिफॉर्म मिलने लगी है
- शिक्षकों की संख्या और गुणवत्ता में सुधार हुआ है
क्या अभी भी कुछ समस्याएं हैं?
हां, अभी भी कुछ परेशानियां हैं जिनपर सरकार को ध्यान देना है:
- कई इलाकों में इंटरनेट की सुविधा नहीं है
- कुछ स्कूलों में शिक्षक कम हैं
- कुछ जगह बच्चों के लिए परिवहन की सुविधा नहीं है
- पढ़ाई के लिए डिजिटल सामग्री की कमी है
- कई जगह स्कूल भवन अब भी खराब हालत में हैं
आगे क्या होना चाहिए?
अगर इस योजना को और अच्छा बनाना है तो सरकार को इन बातों पर ध्यान देना चाहिए:
- सभी स्कूलों में एक जैसा इंफ्रास्ट्रक्चर हो
- गांव के स्कूलों में इंटरनेट और बिजली हो
- पढ़ाई के लिए हर भाषा में सामग्री उपलब्ध हो
- बच्चों की पढ़ाई को और रोचक बनाया जाए
- माता-पिता को भी जागरूक किया जाए
इस योजना से क्या उम्मीद की जा सकती है?
अगर यह योजना सही तरीके से हर राज्य और हर गांव में लागू हो जाए, तो भारत में कोई भी बच्चा बिना पढ़ाई के नहीं रहेगा। बच्चे बेहतर तरीके से पढ़ेंगे, सोचेंगे और आगे बढ़ेंगे। देश में अशिक्षा खत्म करने के लिए यह एक मजबूत कदम है।
जरूरी सवाल और जवाब
प्रश्न 1: समग्र शिक्षा अभियान किसके लिए है?
उत्तर: यह योजना पहली कक्षा से लेकर 12वीं तक पढ़ने वाले बच्चों के लिए है।
प्रश्न 2: इसमें कौन-कौन से स्कूल शामिल होते हैं?
उत्तर: सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूल इसमें शामिल हैं।
प्रश्न 3: क्या इसमें लड़कों और लड़कियों को समान सुविधा मिलती है?
उत्तर: हां, सभी को बराबर सुविधा मिलती है। कुछ सुविधाएं लड़कियों को सुरक्षित माहौल देने के लिए खास तौर पर दी गई हैं।
प्रश्न 4: शिक्षक कैसे जुड़ते हैं इस योजना से?
उत्तर: शिक्षकों को समय-समय पर ट्रेनिंग दी जाती है ताकि वे बच्चों को बेहतर पढ़ा सकें।
निष्कर्ष
समग्र शिक्षा अभियान देश के हर बच्चे तक पढ़ाई पहुंचाने की एक मजबूत कोशिश है। इससे स्कूलों की हालत में सुधार आया है, बच्चों को पढ़ाई का अच्छा माहौल मिल रहा है और तकनीक की मदद से पढ़ाई आसान बन रही है। अगर इसे पूरे देश में ईमानदारी से लागू किया जाए, तो आने वाले समय में सभी बच्चे पढ़े-लिखे होंगे और देश आगे बढ़ेगा।