समग्र पोर्टल में जिलेवार आवेदनों की पेंडेंसी रिपोर्ट: हर जिले की सटीक स्थिति

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संचालित समग्र पोर्टल एक पारदर्शी और सुगठित जनहित प्लेटफॉर्म है, जहाँ विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित नागरिकों के आवेदनों का संकलन और प्रबंधन किया जाता है। जब लाखों नागरिक योजनाओं के अंतर्गत आवेदन करते हैं, तब यह अत्यंत आवश्यक हो जाता है कि उन आवेदनों की स्थिति हर जिले के स्तर पर सटीक रूप से रिकॉर्ड हो।

जिलेवार पेंडेंसी रिपोर्ट इसी आवश्यकता को पूरा करती है। यह रिपोर्ट प्रत्येक जिले में प्राप्त, स्वीकृत और लंबित आवेदनों की स्पष्ट जानकारी देती है।

जिलेवार पेंडेंसी रिपोर्ट क्या होती है?

यह एक विश्लेषणात्मक रिपोर्ट होती है जिसमें बताया जाता है कि:

  • किस जिले में कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं?
  • कितनों का निपटारा किया गया है?
  • कितने आवेदन अभी तक लंबित हैं?
  • किन विभागों में सबसे अधिक देरी हो रही है?

इस रिपोर्ट की सहायता से नीति-निर्माताओं से लेकर नागरिक तक, सभी को यह जानने में आसानी होती है कि किस स्तर पर सुधार की आवश्यकता है।

पेंडेंसी क्यों महत्वपूर्ण है?

हर लंबित आवेदन न केवल उस व्यक्ति को योजना से वंचित करता है, बल्कि शासन की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न खड़ा करता है। समय पर निपटारा:

  • योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करता है,
  • नागरिकों का भरोसा बढ़ाता है,
  • और शासन में पारदर्शिता लाता है।

किन विभागों में होती है पेंडेंसी?

प्रत्येक जिले में विभिन्न विभागों द्वारा चलाए जा रहे जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत आवेदन आते हैं, जैसे:

  1. समाज कल्याण विभाग
    • वृद्धावस्था पेंशन
    • विकलांग पेंशन
    • इंदिरा गांधी पेंशन योजना
  2. महिला एवं बाल विकास विभाग
    • लाडली लक्ष्मी योजना
    • पालनहार योजना
  3. नगर निगम/ग्राम पंचायत विभाग
    • जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र
    • मकान योजना अनुमोदन
  4. समग्र आईडी यूनिट
    • समग्र ID सुधार
    • E-KYC प्रक्रिया
  5. शिक्षा विभाग
    • छात्रवृत्ति आवेदन
    • प्रवेश सहायक योजनाएं

आवेदन लंबित क्यों होते हैं?

  • अधिकारियों की सीमित उपलब्धता
  • दस्तावेजों की असत्यता
  • पोर्टल में अपलोडिंग त्रुटि
  • फील्ड सत्यापन में देरी
  • आवेदन की गलत कैटेगरी चयन

हर जिले की प्रशासनिक क्षमता, संसाधनों की उपलब्धता और जनसंख्या घनत्व भी पेंडेंसी को प्रभावित करता है।

जिलेवार पेंडेंसी रिपोर्ट कैसे देखें?

राज्य स्तर पर ऐसी रिपोर्ट नागरिकों और अधिकारियों दोनों के लिए सुलभ हो, इसके लिए समग्र पोर्टल ने एक विशेष प्रणाली बनाई है:

चरण-दर-चरण प्रक्रिया:

  1. https://samagra.gov.in पर जाएं
  2. ‘रिपोर्ट्स’ सेक्शन पर क्लिक करें
  3. “जिलेवार आवेदन स्थिति” या “Application Pendency District Wise” चुनें
  4. वर्ष, जिला, योजना और विभाग चुनें
  5. रिपोर्ट ऑन-स्क्रीन देखें या PDF डाउनलोड करें
समग्र पोर्टल में जिलेवार आवेदनों की पेंडेंसी रिपोर्ट

वर्ष, जिला, योजना और विभाग चुनें

जिलेवार आवेदन स्थिति



यहाँ से आपको आवेदनों की पूरी स्थिति मिल जाएगी: कुल प्राप्त, स्वीकृत और लंबित।

एक उदाहरण: जिलेवार रिपोर्ट (काल्पनिक आंकड़े)

जिलाआवेदन प्राप्तस्वीकृतलंबितअधिकतम लंबित विभाग
भोपाल1,20,0001,12,4007,600समाज कल्याण विभाग
इंदौर98,20091,5006,700महिला एवं बाल विकास विभाग
उज्जैन87,00083,2003,800समग्र ID यूनिट
जबलपुर1,05,50098,0007,500शिक्षा विभाग

आवेदन लंबित हो तो क्या करें?

यदि आपका आवेदन रिपोर्ट में लंबित दिखता है, तो निम्न उपाय करें:

  • जनसेवा केंद्र पर जाकर आवेदन की स्थिति पूछें
  • संबंधित विभाग के अधिकारी से मिलें
  • जिला स्तर पर समाधान दिवस में हिस्सा लें
  • राज्य शिकायत पोर्टल या हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करें

नागरिकों के लिए लाभ

  • हर व्यक्ति जान सकता है कि उसके जिले में क्या स्थिति है
  • जनप्रतिनिधि जवाबदेह बनते हैं
  • नागरिक समय पर फॉलो-अप कर सकते हैं
  • पारदर्शिता और निष्पक्षता में बढ़ोतरी होती है

यह लेख भी पढ़ें समग्र e-KYC कैसे करें? पूरी जानकारी मोबाइल और लोक सेवा केंद्र के माध्यम से (2025 गाइड)

प्रशासन के लिए लाभ

  • कार्य प्रदर्शन का आकलन संभव होता है
  • किस विभाग में सुधार की आवश्यकता है, यह स्पष्ट होता है
  • पोर्टल पर निष्क्रियता को ट्रैक किया जा सकता है
  • शिकायतों की संख्या में कमी आती है

लगातार अपडेट क्यों जरूरी है?

अगर यह रिपोर्ट नियमित अपडेट नहीं होती, तो न तो नागरिकों को जानकारी मिल पाती है और न ही प्रशासन को दिशा। सप्ताहिक या मासिक अपडेट से सुधारात्मक कदम तुरंत लिए जा सकते हैं।

निष्कर्ष

समग्र पोर्टल पर उपलब्ध जिलेवार पेंडेंसी रिपोर्ट न केवल एक तकनीकी टूल है, बल्कि यह नागरिक अधिकार, जवाबदेही और पारदर्शिता की दिशा में एक सशक्त माध्यम है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि राज्य की योजनाओं का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक समय पर पहुंचे।

यदि हर जिले के अधिकारी, पंचायत, नगर पालिका और विभागीय कर्मचारी मिलकर कार्य करें, तो पेंडेंसी को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। नागरिकों को भी चाहिए कि वे अपनी जिम्मेदारी निभाएं और आवेदन स्थिति पर नज़र रखें।

यह लेख भी पढ़ें परिवार को समग्र पोर्टल पर कैसे पंजीकृत करें

Leave a Comment