मध्यप्रदेश सरकार ने नागरिकों की सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर ढंग से दर्ज करने और सरकारी योजनाओं का सही लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुँचाने के लिए समग्र पोर्टल की शुरुआत की। इस पोर्टल का सबसे अहम हिस्सा है समग्र परिवार आईडी और सदस्य आईडी। यह दोनों पहचान पत्र की तरह काम करते हैं, जिनके बिना राज्य की अधिकांश कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेना मुश्किल हो जाता है।
समग्र परिवार आईडी क्या है?

समग्र परिवार आईडी एक यूनिक नंबर है जो पूरे परिवार के लिए जारी किया जाता है। इसे आप परिवार का “मुख्य पहचान पत्र” भी कह सकते हैं। जब भी कोई नागरिक समग्र पोर्टल पर पंजीकरण करता है, तो उसे एक 8 अंकों का परिवार आईडी नंबर दिया जाता है। इसके अंतर्गत परिवार के सभी सदस्य जोड़े जाते हैं।
उदाहरण के लिए, यदि किसी परिवार में पाँच लोग रहते हैं, तो उन सभी का रिकॉर्ड इस एक ही परिवार आईडी से जुड़ा रहेगा। इसका लाभ यह है कि सरकार परिवार की स्थिति देखकर तय करती है कि किस योजना का लाभ उस परिवार या सदस्य को मिलना चाहिए।
समग्र सदस्य आईडी क्या है?
परिवार आईडी के अंतर्गत ही प्रत्येक व्यक्ति को एक अलग पहचान नंबर मिलता है, जिसे समग्र सदस्य आईडी कहा जाता है। यह आईडी परिवार का हिस्सा तो होती है, लेकिन हर व्यक्ति की अलग पहचान भी सुनिश्चित करती है।
जैसे – किसी छात्र को छात्रवृत्ति चाहिए, बुजुर्ग को पेंशन चाहिए, महिला को सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ चाहिए, तो इन सबके लिए सदस्य आईडी का उपयोग किया जाता है।

समग्र आईडी की ज़रूरत क्यों है?
आज के समय में लगभग हर सरकारी योजना डिजिटल और पारदर्शी सिस्टम पर आधारित है। पहले योजनाओं में पात्रता को लेकर कई गड़बड़ियाँ होती थीं, लेकिन अब समग्र पोर्टल से यह तय करना आसान हो गया है कि कौन पात्र है और कौन नहीं।
- राशन कार्ड बनवाने या राशन लेने में
- छात्रवृत्ति और शिक्षा से जुड़ी योजनाओं में
- वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन और विकलांग पेंशन जैसी योजनाओं में
- गैस, आवास या अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में
- अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाओं में
हर जगह समग्र आईडी एक आधार की तरह ज़रूरी हो चुकी है।
समग्र परिवार और सदस्य आईडी कैसे प्राप्त करें?
समग्र आईडी पंजीकरण की सुविधा दो तरीकों से उपलब्ध है –
- ऑनलाइन माध्यम: नागरिक सीधे समग्र पोर्टल पर जाकर परिवार का पंजीकरण कर सकते हैं। यहाँ पर परिवार के मुखिया की जानकारी, पते का विवरण और सभी सदस्यों का डाटा भरना होता है।
- ऑफलाइन माध्यम: जिन लोगों को इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वे अपने नज़दीकी जनपद पंचायत, नगर निगम, नगर पालिका या CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) के माध्यम से भी पंजीकरण करा सकते हैं।

समग्र आईडी कैसे चेक और प्रिंट करें?
अगर किसी नागरिक के पास पहले से समग्र परिवार या सदस्य आईडी है और वह उसे देखना या प्रिंट करना चाहता है, तो यह काम ऑनलाइन बेहद आसान है।
नागरिक समग्र पोर्टल पर जाकर परिवार आईडी या सदस्य आईडी नंबर दर्ज करके अपनी पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यहाँ से वह पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं या सीधे प्रिंट निकाल सकते हैं।
अगर किसी को अपना आईडी नंबर याद नहीं है, तो वह नाम, मोबाइल नंबर या अन्य विवरण दर्ज करके भी जानकारी निकाल सकता है।

समग्र आईडी के फायदे
समग्र आईडी का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह नागरिकों की पहचान को सुरक्षित और पारदर्शी बनाता है। इसके जरिए –
- परिवार और व्यक्ति दोनों स्तर पर जानकारी दर्ज होती है।
- पात्रता तय करना सरकार के लिए आसान हो जाता है।
- योजनाओं का लाभ सही समय पर सही व्यक्ति तक पहुँचता है।
- डुप्लीकेट या फर्जी रिकॉर्ड की संभावना कम हो जाती है।
- परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का सटीक डाटा मिलता है।
आम सवाल (FAQs)
प्रश्न 1: क्या समग्र आईडी आधार कार्ड की तरह है?
उत्तर: समग्र आईडी केवल मध्यप्रदेश में उपयोग होती है और यह राज्य की योजनाओं से जुड़ी पहचान है। जबकि आधार कार्ड पूरे भारत के लिए मान्य पहचान पत्र है।
प्रश्न 2: अगर परिवार में नया सदस्य जुड़ता है तो क्या करना होगा?
उत्तर: नया सदस्य जोड़ने के लिए समग्र पोर्टल या नज़दीकी CSC सेंटर पर जाकर सदस्य का पंजीकरण करना होगा।
प्रश्न 3: क्या बिना समग्र आईडी के योजना का लाभ मिल सकता है?
उत्तर: नहीं, अधिकांश योजनाओं का लाभ लेने के लिए समग्र आईडी ज़रूरी है।
प्रश्न 4: अगर जानकारी में गलती हो जाए तो कैसे सुधारें?
उत्तर: नागरिक अपने जनपद पंचायत, नगर निगम या CSC केंद्र के माध्यम से सुधार करवा सकते हैं।
निष्कर्ष
समग्र परिवार एवं सदस्य आईडी मध्यप्रदेश के हर नागरिक के लिए एक आवश्यक पहचान बन चुकी है। यह न केवल सरकारी योजनाओं से जोड़ने का साधन है, बल्कि यह समाज में पारदर्शिता और बराबरी लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। परिवार और सदस्य दोनों स्तर पर पहचान उपलब्ध होने से अब योजनाओं का लाभ सीधे पात्र व्यक्ति तक पहुँचता है और किसी भी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश कम हो गई है।